यूँ तो दुनिया भर में सची ख़बरें छापने वाले हजारों अखबार हैं पर मुझे लगता है की आम पाठक आज कल इन सच्ची ख़बरों को झेल नहीं पा रहा है सो आम पाठकों को सची ख़बरों से पीड़ित देखा तो अचानक यह ख्याल आया कि पाठकों को झूठी ख़बरें भी पसंद आ सक्त्री हैं. मेरे जैसे कितने ही दोस्त होंगे जो पाठकों को झूठी ख़बरों से रू ब रू कार्य सकतें हैं. अगर आप में हो दम झूठी खबरें लिखने का. तो आप मुझे सिर्फ हिंदी मैं मेल करें में आपका आभारी रहूँगा. लगता है कि झूठी ख़बरों का यह सफ़र काफी लम्बा चल सकेगा. और हम पाठकों के दिलों में सेंध लगा कर झूठी ख़बरों के इस सफ़र को बुलंदिओं तक पहुन्चांगे. तो शुरू हो गया आज से झूठी ख़बरों का सफ़र.
बिना किसी की आगया लिए
तथा कथित ब्लैक मेलर संपादक
मुझे अपने एरिया की झूटी ख़बरें मेल करें
galatkhabar@gmail.com
रविवार, 18 अप्रैल 2010
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Achha Idea hai.
जवाब देंहटाएंek galat khabar yahan se utha sakte hain, thoda badal kar laga sakte hain. : http://newideass.blogspot.com/2010/02/blog-post_943.html
यूँ भी मीडिया मैं आने वाली अधिकांश ख़बरें जैसे की नेताओं के दावे, वादे, फील गुड टाईप ऐसा होगा, वैसा होगा वाली ख़बरें, विभिन्न संगठनों की विज्ञप्तियां, N.G.O. संबंधी ख़बरें सभी झूठ ही होती हैं.
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